मैं अजीत सिंह ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा।
2.
उस कर्तव्य का पालन करने की ईमानदार कोशिश किए बगैर ‘ संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा ' रखने के संकल्प का अर्थ क्या है?
3.
एक बार वह सच्ची श्रद्धा और निष्ठा का भाव जागृत करना होगा, हमारे सोए हुए आत्मविश्वास को जगाना होगा, तभी आज देश के सामने जो समस्याएँ हैं, वे सुलझाई जा सकेंगी।
4.
किन्तु इस सब के बावजूद एक सच्चे और गुणी शिष्य की सच्ची श्रद्धा और निष्ठा ने अपने गुरु को उस पर गर्व करने का, उस पर अभिमान करने का अवसर प्रदान किया।
5.
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, पंथ-निरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखेगी तथा भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता को अक्षुण रखेगी.
6.
' मैं, अमुक, ईश्वर की शपथ लेता हूँ/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूँगा, (संविधान (सोलहवाँ संशोधन) अधिनियम, 1963 की धारा 5 द्वारा अंतःस्थापित।)
7.
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, पंथ-निरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखेगी तथा भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता को अक्षुण रखेगी.
8.
संविधान के प्रति निष्ठा उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, पंथ-निरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखेगी तथा भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता को अक्षुण रखेगी.
9.
' मैं, अमुक, जो-उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति (या न्यायाधीश) नियुक्त हुआ हूँ ईश्वर की शपथ लेता हूँ/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूँगा, (संविधान (सोलहवाँ संशोधन) अधिनियम, 1963 की धारा 5 द्वारा अंतःस्थापित।)
10.
' मैं, अमुक, जो राज्यसभा (या लोकसभा) में स्थान भरने के लिए अभ्यर्थी के रूप में नामनिर्देशित हुआ हूँ ईश्वर की शपथ लेता हूँ/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूँगा और मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूँगा।'